पुर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कमिश्नर स्तर के अधिकारी करें हादसे की जांच मृतकों के परिजनों को नौकरी देने की मांग भी उठाई

 पुर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कमिश्नर स्तर के अधिकारी करें हादसे की  जांच  मृतकों के परिजनों को नौकरी देने की मांग भी उठाई

जनगणमन‌.लाईव

गोपेश्वर (चमोली)। चमोली कस्बे में नमामि गंगे परियोजना के प्लांट में हुई करंट लगने की घटना में घायलों के हालचाल जानने और मृतको के परिजनों को ढांढस बांधने के लिए पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, मनीष खंडूरी और बदरीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी जिला मुख्यालय गोपेश्वर पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस मामले की मजिस्ट्रेट  नहीं बल्कि कमिश्नर लेबल पर जांच की जानी चाहिए तथा इसके लिए दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनर्रावृत्ति न हो।

जिला चिकित्सालय में भर्ती घायलों के हालचाल जानने के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने चिकित्सालय परिसर में ही जिले के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत से बातचीत करते हुए कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिये । उन्होंने यह भी कहा कि मुआवजे की राशि को बढाया जाना चाहिए। साथ ही मृतकों के परिजनों को रोजगार की भी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। राज्य में ऐसी घटनाओं की पुनर्रावृत्ति न हो इसके लिए आवश्यक है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मिलते हुए कहा कि दुःख की इस घड़ी में पूरा राज्य उनके साथ है।

चिकित्सा मंत्री व प्रभारी मंत्री चमोली धन सिंह रावत ने कहा की मुख्यमंत्री द्वारा मृतकों के परिजनों को पांच लाख व गंभीर रूप से घायलों को एक लाख देने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गयी है वहीं दूसरी और केन्द्र सरकार से भी मृतकों के परिजनों को दो लाख व गंम्भीर रूप से घायलों लोगों को 50 हजार रूपये प्रधान मंत्री राहत कोष से देने की घोषणा की गयी है

वहीं बद्रीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी ने सरकार की मदद को नाकाफी बताया है उन्होंने कहा की सरकार मृतकों के परिजनो को 25 लाख का मुआवजा दे जिससे इस हादसे में मारे गये लोग जो अधिकांशतः गरीब परिवारों से हैं उनको मदद मिल सके

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