पितृ पक्ष में पितृदेव वनों की स्थापना

जनगणमन.लाईव
पितृ पक्ष में पितृदेव वनों की स्थापना
देवभूमि उत्तराखण्ड में इस वर्ष के पितृपक्ष के दौरान जनपद चमोली, रुद्रप्रयाग, पौडी व टिहरी गढ़वाल जनपद के लगभग 20 गांवों में पूजा अर्चना के बाद अपने गांव के पितृों की स्मृति तथा पर्यावरण के सम्बर्द्धन के लिये पितृदेव वनों की विधिवत स्थापना व श्रीगणेश किया गया ।
सीमांत जनपद चमोली में हिमालयी सचल महादुम्य श्री नन्दादेवी राजजात के मुन्दोली पड़ाव पर लगभग एक शताब्दी पूर्व देश का संभवतया प्रथम पितृदेव वन की स्मृति गांव वासियों ने की थी जिसमें वृक्षों के नीचे चबूतरों का निर्माण के चबूतरों के नाम में पितों के नाम पर रखे गये हैं इस पितृदेव वन ने एक बड़े जंगल का आकार ले लिया है देवी देवताओं के नाम पर उतराखण्ड में पहले ही देवालयों एंव जलस्रोतों पर अनादि काल से वृक्षारोपण हुआ है अब पितृ देवाय नमः को देखते हुये मुन्दोली गांव को यह सौभाग्य मिला है प्रथम पितृ देव वन की स्थापना के लिये ।
सन् 1987 की नन्दा राजजात समिति के मंत्री भुवन नौटियाल ने यात्रा से पूर्व तैयारियों का जायजा लेने के लिये जब में पड़ावों पर पहुंचे तो तब मुन्दोली गांव के वुजुर्गो ने मुन्दोली के पितृ देव वन की कहानी उन्हें बताई थी यात्रा के साहित्य में भी शामिल कर देश व दुनिया तक पितृदेव वन को पहुंचाने का प्रयास किया गया था। सन् 1998 में मैंने श्राद्ध के मौके गांव के सभी पितृों की स्मृति में पितृदेव वन का श्रीगणेश मुन्दोली से प्रेरित होकर कराया था।
प्रदेश के वनमंत्री सुबोध उनियाल जी के सम्मुख प्रदेश के प्रत्येक गाँव में पितृदेव वन स्थापित करने का प्रस्ताव रखा तथा जो गांव: वर्ष वृक्षारोपण करना चाहे उन्हें वन विभाग निशुल्क पेड़ उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है वन मंत्री ने योजना पर हामी भरते हुए अभी उन्होंने वन विभाग को निशुल्क पेड़ उपलब्ध कराने का निर्देश दिया तथा आगामी वर्ष के पितृपक्ष में जब वर्षा का मौसम भी रहेगा उसके लिये अभी से कार्ययोजना बनाने का आश्वासन दिया ।