प्रदेश भर में आंचल के 100 कैफे खोलने की योजना

 प्रदेश भर में आंचल के 100 कैफे खोलने की योजना

जनगणना.लाईव

दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के रजत जयंती समारोह मे बतौर मुख्य अतिथि पहुचे कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि आंचल उत्तराखंड का अपना ब्रांड है आंचल को आगे बढ़ाने के लिये हमें उसी तरह से प्रयास करने होंगे जैसे गुजरात में लोगों ने अमूल को पूरे देश में एक पहचान दिलाई है अमूल की तरह ही इस आंचल ब्रांड के उत्पादों को घर घर तक पहुंचाना है। इसे अन्य ब्रांड की टक्कर में लाना है। जिसके लिये सबके संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा की यदि कहीं को खामी है तो उन्हें दूर किया जाना चाहिए । आंचल को आगे बढ़ाने की शुरुआत हमें अपने घर से ही करनी होगी और आंचल से जुड़े उत्पादों को इस्तेमाल में लाना चाहिये‌ और दूसरों को भी इस्तेमाल के लिये प्रोत्साहित करना चाहिए । लस्सी, खीर, फ्लेवर मिल्क बाजार में उतारने के बाद अब आंचल का पहला कैफे देहरादून में खोला है। बहुत जल्द 100 कैफे पूरे प्रदेश में खोले जाएंगे। हमारा लक्ष्य है की प्रत्येक घर में आंचल के उत्पाद पहुंचे । आंचल से जुड़े उत्पादों की बिक्री बढ़ाने से इसका लाभ स्थानीय पशुपालको को भी मिलेगा। आंचल के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह में बोलते हुये‌ प्रशासक तिलकराज गंभीर ने कहा कि अगस्त 1997 में जब दुग्ध संघ प्रारंभ हुआ था, तब 10 हजार लीटर दूध की क्षमता थी, जो अब पचास हजार लीटर से अधिक है। उन्होंने कहा कि इससे सबसे अच्छी बात है की भूसे पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। जिससे पशुपालकों को पशुपालन में आसानी हो रही है। गोशाला में पहले पांच रुपये प्रतिदिन भरण पोषण के लिए मिलता था, । इसे बढ़ाकर 30 रुपये प्रति गाय कर दिया गया है। कैबिनेट मंत्री बहुगुणा ने केंद्र सरकार को भी धन्यवाद दिया और कहा उत्तराखंड को 60 एंबुलेंस केन्द्र की तरफ से मिली है । इन एंबुलेंस के जरिये उत्तराखंउ में 2700 जानवरों का इलाज किया जा चुका है।शीध्र ही हर ब्लाक में एक एम्बुलेंस उपलब्ध कराई जायेगी । सरकार की योजनाओं को गांव गांव तक पहुंचाने के लिये गोष्ठी का आयोजन किया जाना चाहिये‌ जिससे सरकार की सभी योजनाये किसानों तक पहुंच सके । गांव-गांव जाकर गोष्ठी कर लोगों को समझाना है कि सरकार 50 प्रतिशत अनुदान दे रही है, साइलस में छूट दे रही है किसानों को जब सरकार की लाभकारी योजनाओं का पता चलेगा तो किसान दूध आंचल की डेरी को ही देंगे जिससे उन्हें भी फायदा मिलेगा ।

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