जिसमें भग हो वही भगवान् – शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती

 जिसमें भग हो वही भगवान् – शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती

जनगणमन‌.लाईव

*जिसमें भग हो वही भगवान्*

– *शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती*

*ऐश्वर्यस्य समग्रस्य धर्मस्य यशसः श्रियः। ज्ञान वैराग्ययोश्चैव षण्णां भग इतीरिणा।* अर्थात् समग्र ऐश्वर्य, समग्र धर्म, समग्र यश, समग्र श्रीः, समग्र ज्ञान, समग्र वैराग्य; इन छः चीजों को ही भग कहा जाता है। ये छः जिनमें हों वही भगवान् हैं।

उक्त उद्गार परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008 ने चातुर्मास्य प्रवचन के अन्तर्गत आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ के अवसर पर चतुःश्लोकी कथा सुनाते हुए कही।

उन्होंने कहा कि जब बालक जन्म लेता है तो उसके पास कुछ भी नहीं होता पर आस-पास के सभी लोग उस नवजात की सेवा में लग जाते हैं। उसे आवश्यकता की सभी वस्तुएं उपलब्ध कराता है। यह भगवान् की ही कृपा से सम्भव होता है। भगवान् का ही ऐश्वर्य कृपा से हम सबको प्राप्त होता है।

आगे कहा कि यह संसार तीन गुणों से मिलकर बना है- सत्व, रज और तम। देवता भी तीन ही हैं- ब्रह्मा, विष्णु और महेश। इन्हीं तीनों गुणों का विक्षोभ ही प्रकृति है।

पूज्य शङ्कराचार्य जी ने कहा कि ब्रह्म के साकार और निराकार दो रूप हैं। निराकार ब्रह्म को हम देख नहीं पाते परन्तु यदि भक्त चाहे तो निराकार ब्रह्म को अपनी भक्ति से प्रकट भी कर सकता है।

पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी के प्रवचन के पूर्व —आज की कथा के मुख्य यजमान, श्री मोहन साधुखा जी, श्रीमती रुपाली साधुखा जी , एवं पंडित कमलेश तिवारीत सुनीता तिवारी श्री अमित तिवारी एवं श्री पूनम तिवारी देवनगर पुराना रहे इन्होंने पादुका पूजन भी किया
कार्यक्रम में भजनों की प्रस्तुति भजन गायक संदीप तिवारी विष्णुभजन गायक संदीप तिवारी गोठिया , हर्ष भारद्वाज सुरेश पांडे, सूरज तिवारी प्रणव राजोरिया ऋषि दीक्षितसूरज तिवारी प्रणव राजोरिया हरीश जी दीक्षित एवं ओम प्रकाश शर्मा के द्वारा भजनों की प्रस्तुति कीसूरज तिवारी प्रणव राजोरिया ऋषि दीक्षित एवं ओम प्रकाश शर्मा के द्वारा भजनों की प्रस्तुति की गई वही जगद्गुरु कुलुम झोतेश्वर के यश पांडे भूपेंद्र दीक्षित के द्वारा वेद पाठ किया गया

प्रमुख रूप से चातुर्मास्य समारोह समिति के अध्यक्ष व निजी सचिव *ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी, जगतगुरु कुलुम संस्कृत विद्यालय के उप प्राचार्य पं राजेन्द्र शास्त्री जी, ब्रह्मचारी निर्विकल्पस्वरूप जी, ब्रह्मचारी अचलानंद जी* आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संयोजन *श्री अरविन्द मिश्र* एवं संचालन *ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानन्द जी, परमहंसी गंगा आश्रम व्यवस्थापक सुंदर पांडे* ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पंडित अन्नू भैया सुनील शर्मा सोहन तिवारी माधव शर्मा रघुवीर प्रसाद तिवारी राजकुमार तिवारी ,अमित तिवारी, आनंद पाठक रघुवीर प्रसाद शास्त्री, बसंत उपाध्याय बद्री चौकसे नारायण गुप्ता , अरविंद पटेल कपिल नायक सहित बड़ी संख्या में गुरु भक्तों की उपस्थिति रही हैै कार्यक्रमके उपरांत प्रसाद का वितरण किया गया
आदि जन उपस्थित रहे।

चातुर्मास्य के अवसर पर पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज का गीता पर प्रवचन प्रातः 7.30 से 8.30 बजे तक भगवती राजराजेश्वरी मन्दिर में होता होता है जिसका प्रसारण 1008.guru इस यू ट्यूब चैनल पर प्रतिदिन होता है।

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