सरकारी तंत्र अभी भी अंधेरे में हाथ पांव मार रहा है, किसी के पास भी गौरीकुंड आपदा की सही जानकारी नहीं स्थानीय लोगों की दुकानों और सामान को पहुंचाया जा रहा नुक्सान ,पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से सलाह लें सरकार :मनोज रावत

 सरकारी तंत्र अभी भी अंधेरे में हाथ पांव मार रहा है, किसी के पास भी गौरीकुंड आपदा की सही जानकारी नहीं स्थानीय  लोगों की दुकानों और सामान को पहुंचाया जा रहा नुक्सान ,पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से  सलाह लें सरकार :मनोज रावत

जनगणमन‌.लाईव

रुद्रप्रयाग।(गौरीकुंड )

केदारनाथ यात्रा के अंतिम मोटर मार्ग पर गौरीकुंड में पहाड़ी टूटने से हुई तबाही व हताहतों की सही जानकारी किसी के पास नही है गौरीकुंड आपदा ग्रस्त क्षेत्र में पहुंचे केदारनाथ के पूर्व विधायक , मनोज रावत आपदा के दौरान व आपदा के बाद सरकार की सुस्त मशीनरी को आड़े हाथों लेते हुये ये बात कही वे आज कांग्रेसियों के साथ गौरीकुंड पहुंचे थे जहां उन्होंने आपदा से हुए नुकसान का जायजा भी लिया।

हताहतों की संख्या स्पष्ट नही है

केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत ने आज गौरीकुंड आपदा स्थल का मुआयना करने के बाद कहा कि ऐसा लग रहा है कि गौरीकुंड से एक शातिर मौन बरबादी गुजरी है जिसकी चपेट में आने वालों की संख्या , जितने मुंह हैं उतनी है। कोई 19 बताता है कोई 22 तो कुछ लोगों का मानना है कि 25 से ऊपर हैं। जिन 3 अस्थाई दुकानों और एक स्टोर का नामोनिशान अचानक हुए भूस्खलन से मिट गया उनके भीतर उस रात 11.18 मिनट कितने लोग थे कोई नही बता पा रहा है।

मनोज रावत ने आगे कहा कि जो 3 शव मिले हैं वे नेपाली मूल के प्रतीत होते हैं पर वे प्रशासन की पहली वाली गिनती में नहीं थे। वे सूची से हटकर हैं। कुछ स्थानीय लोग भी गायब हैं और कुछ यात्री भी उस रात चल रहे थे, नेपालियों की संख्या भी अभी कोई नही बता पा रहा है क्योंकि आजकल कुछ नए नेपाली मजदूर भी आ रहे थे।

चार से ज्यादा हैं स्थानीय लोग

उन्होने आगे कहा कि कुल मिलाकर गौरीकुंड में बड़ी तबाही और नुकसान हुआ है जिसका सही आंकलन किसी के पास नहीं है । स्थानीय की बात करें तो अभी तक रुद्रप्रयाग जिले के 4 निवासियों के लापता होने की पुख्ता सूचना है यह संख्या भी बड़ सकती है। इस बरबादी के ऊपर प्रशासन ने मुख्यमंत्री के दौरे से पहले कुछ दर्जन अस्थाई दुकानों को उजाड़ दिया है। इनमें से अधिकांश के मालिक आजकल यात्रा कम होने के कारण अपनी दुकानें नौकरों के भरोसे छोड़ कर अपने घरों को गए थे। उनका #लाखों का सामान बरबाद हो गया है। ओर अब उनके आंसू थम नहीं रहे हैं।

उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी आपकी इंतजारी थी पर पर आप नहीं आ पाए। आप आते तो अपने अनुभव से आपसे कुछ निवेदन करते। सुना है कि कोई #नौकरशाह आ रहे हैं । इन स्टील के फ्रेम वाले फौलादी दिल के नौकरशाहों से क्या कहें ? आपदा के दर्द को नियम-कानून और शासनादेशों काम करने वालों को नही समझाया जा सकता है।

उन्होंने सरकार के सामने ये मांगें रखी हैं-

सरकार से की मांग
1- समस्त संभावित गायब लोगों की सूची बनाई जाए। स्थानीय के अलावा नेपाली और यात्रियों के बारे में भी व्यापक प्रचार -प्रसार किया जाय।

2- कानूनी प्रक्रिया से गायब लोगों को #न्यायिक रूप से मृत घोषित करने में 7 साल लगेंगे , इसलिए #2013 कि #आपदा की बी और मुआवजा कैसे दिया जाय इसका रास्ता तलाश किया जाय ।

3- गायब लोगों को फौरी सहायता और मुआवजा कैसे दिया जाय इसका रास्ता तलाश किया जाय ।

पूर्व सीएम हरीश रावत से लें सलाह
उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में पक्ष-विपक्ष का भाव छोड़कर पूर्व #मुख्यमंत्री आदरणीय Harish Rawat की सलाह लें तो अच्छे नतीजे आएंगे। हमसे भी सरकार और प्रशासन जो सहयोग चाहेगा हम देंगे। उन्होंने इससे बड़ी तीव्रता और नुकसान वाली #2013 की आपदा के बाद #केदारघाटी को फिर से #बसाया-सांवरा और यात्रा के लायक बनाया था। पीड़ितों की माननीय नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य  से भी बात करवाई । माननीय नेता प्रतिपक्ष ने आश्वासन दिया कि जल्दी माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलकर पीड़ितों की पीड़ा रखेंगे और इन सभी तकनीकी समस्याओं का हल खोजेंगे।

janganman

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