सुनो आज 6 दिसम्बर है

 सुनो आज 6 दिसम्बर है

जन गण मन लाईव

6 दिसंबर 1992, आजाद भारत के इतिहास में यह तारीख काफी महत्वपूर्ण है. इस दिन को इस बात से समझा जा सकता है कि जब 6 दिसम्बर का दिन आता है उत्तर प्रदेश में इस दिन संवेदनशीलता चरम पर होती है. आज भी यूपी में इस तारीख को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पुख्ता इंतजामात किये‌ गये‌ हैं.इसके अलावा तीन अहम धार्मिक स्थल अयोध्या, काशी और मथुरा की सुरक्षा व्यवस्था अलग से की गयी

आज ही के दिन 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में देश भर से आये‌ उग्र कारसेवकों की एक भीड़ ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था. उस समय यूपी में बीजेपी की सरकार थी और कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. जानते कैसे हुयी‌ राम मंदिर आंदोलन की शुरूआत कैसे बदलें राजनैतिक हालात कौन था सूत्रा धार

बीजेपी ने जब राम मंदिर आंदोलन प्रारंभ किया तो देश भर से मंदिर निर्माण के लिये ईट‌ मंगवाई गयी

लाल कृष्ण आडवानी के नेतृत्व में गुजरात के सोमनाथ जहां द्वादश ज्योतिर्लिंग भी है से अयोध्या तक एक रथयात्रा निकालने का ऐलान किया गया. इस अभियान का नेतृत्व बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी कर रहे थे. 25 सितंबर, 1990 से शुरू होकर पांच हफ्ते बाद आडवाणी की रथयात्रा की योजना अयोध्या पहुंचने की थी. उनका रथ आठ राज्यों से होकर करीब 6000 मील की दूरी तय करता हुआ निकला . प्रमुख रूप से विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) से जुड़े लोग व हिन्दू वादी संगठन जगह जगह उत्साह के साथ स्वागत के लिये मौजूद थे.

करीब 150000 कारसेवकों को हिरासत में ले लिया गया लेकिन उससे आधे के करीब अयोध्या पहुंचने में कामयाब हो गए. अयोध्या में सुरक्षाबलों के बीस हजार जवान पहले से ही तैनात थे, जिनमें कुछ नियमित पुलिस के जवान थे जबकि दूसरे बीएसएफ जैसे अर्ध-सैनिक बलों से थे. कार सेवकों की बड़ी तादाद के आगे भारी सुरक्षा बल कमजोर पड़ता हुआ दिखा बाद में हालात इतने खराब हुये कि सुरक्षाबलों और कारसेवकों में जबर्दस्त हिंसक भिड़ंत भी हो गई. सुरक्षाबलों और कारसेवकों के बीच एक तरह से युद्ध छिड़ गया और पूरे तीन दिन तक संघर्ष जारी रहा .

अयोध्या विवाद ने पूरा सियासी नक्शा बदल दिया और बीजेपी ने देश सत्ता की पहली और महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल की

अयोध्या को लेकर बीजेपी की आक्रामक राजनीति का फायदा भी पार्टी को मिला. साल 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 120 सीटों पर जीत हासिल हुई, जो कि उसकी पिछली संख्या से 35 ज्यादा थी. पार्टी ने इसी साल उत्तर प्रदेश की 425 सदस्यीय विधानसभा की 221 सीटों पर जीत हासिल की. इसके बाद कल्याण सिंह यूपी में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बने.

विश्व हिन्दू परिषद की रही अहम भूमिका

 

6 दिसंबर 1992 को वीएचपी ने ‘शुभ दिन’ के रूप में चुना
इस बीच राम मंदिर को लेकर आंदोलन जारी रहा. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने घोषणा की कि 6 दिसंबर 1992 को उस ‘शुभ’ दिन के रूप में चुना गया है, जब राम मंदिर का निर्माण-कार्य शुरू किया जाएगा. नवंबर के मध्य से पूरे देशभर से कारसेवकों का जमावड़ा अयोध्या की तरफ जाने लगा. वे इस बात से उत्साहित थे कि अब राज्य सरकार बीजेपी के हाथ में है.

एक लाख से ज्यादा कारसेवक, पास में ‘त्रिशूल, तीर और धनुष’
कल्याण सिंह ने बतौर सीएम अपने प्रशासन को निर्देश दिया था कि राज्य से और राज्य के बाहर से आने वाले कारसेवकों के खाने और ठहरने की व्यवस्था की जाए. एक लाख से भी ज्यादा कारसेवक अयोध्या में दाखिल हो चुके थे. उनके पास ‘त्रिशूल, तीर और धनुष थे.’ 6 दिसंबर, 1992 को कारसेवकों की उग्र भीड़ ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया. इसके बाद न सिर्फ कल्याण सिंह की नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार जाना पड़ा , कल्याण सिंह को भी को एक दिन दिल्ली की तिहाड़ जेल में काटना पड़ा.

आज योगी आदित्यनाथ उत्तरप्रदेश का दूसरी बार नेतृत्व सम्भाल रहे हैं वहीं प्रधान मंत्री मोदी राम मंदिर का शिलान्यास कर चुके हैं

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