पर्यटक गांव सारी में सात दिवसीय नाट्य मंचन के छठवें दिन की रात्रि संध्या “शकुन्तला-दुश्यंत” नाटक का शानदार मंचन किया गया। सभी ग्रामवासियों के सहयोग से युवक मंगल दल के तत्वावधान में आयोजित नाटक का भव्य मंचन देखने को दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी। दर्शकों ने खूब तालियां बजाकर पात्रों का उत्साह वर्धन किया। नाटक का संवाद गढ़वाली भाषा में किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी बीकेटीसी श्री राजकुमार नौटियाल ने कहा अपनी संस्कृति को जीवित रखने के लिए गढ़वाली में ऐसे नाटकों का मंचन कमेटी का बेहतरीन प्रयास है।
“शकुन्तला दुश्यंत” संवाद में शकुन्तला कण्व ऋषि की पुत्री थी, अपने पिता कण्व के आश्रम में उनका जीवन अच्छे तौर तरीके से व्यतीत होता था। शकुन्तला की सहेलियां प्रियंबदा, अनसूया उनके साथ में रहती थीं। सहेलियां आश्रम के कार्यों में लीन रहती थी, तभी एक दिन तीनों सहेलियां फुलवारी को सींचने चली गई। अचानक बाहर से दूर अपने घोड़े में दुश्यंत का आगमन होता है और वह शकुन्तला के रूप को देखकर भाव विभोर हो जाता है और उसे शकुन्तला को प्रेम करने की ललक लग जाती है तथा वह शकुन्तला के पास आकर उसे शादी का प्रस्ताव रखता है। दोनों में आपस में प्रेम हो जाता है तथा बाद में जंगल में दुश्यंत आकर उसे गंधर्व विवाह करता है। यही प्रेम कथा इस नाट्य के जरिए दिखायी गयी है। दुश्यंत की भूमिका प्रदीप नेगी, शकुन्तला धर्मेन्द्र भट्ट, प्रियंबदा भरत भट्ट, अनूसूया भरत नेगी, मुनि की भूमिका पृथ्वी नेगी व सुजल ने अदा की।
विशिष्ट अतिथि अध्यक्ष ममंद मंजू देवी, अति विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रधान घनश्याम लाल, सम्मानित अतिथि प्रसिद्ध व लोकप्रिय जागर व मांगल गीत गायिका रामेश्वरी भट्ट, अति सम्मानित अतिथि मांगल गीत गायिका नर्वदा भट्ट व उपाध्यक्ष ममंद कुंवरी देवी, राजेश्वरी देवी, सहित संदीप पंवार, विनोद मैठाणी, प्रधान उषाडा कुंवर सिंह बज्जवाल, वार्ड सदस्य कुलदीप लाल, प्रधान मनोरमा देवी, सहायक अध्यापक सारी विष्णु दत्त जमलोकी, मुकेश नौटियाल दिल्ली सहित अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य लोग व बड़ी संख्या में दूर दूर गांवों से आए दर्शन मौजूद थे। मंच संचालन उपेन्द्र भट्ट, मयंक नेगी व से.नि. सूचना अधिकारी जी.एस भट्ट ने किया