दौड़ के जरिये बेटियों के हक- अधिकार के प्रति जागरूकता के लिए उत्तराखंड यात्रा पर निकली किच्छा की 25 वर्षीय अंजू राठौड़ का कर्णप्रयाग पहुंचने पर बैसाखी मेला मंच पर स्वागत किया गया.
अंजू राठौड़ ने अपने जीवन अनुभव को साझा करते हुए कहा कि दुनिया के बहुत तरक्की करने के बावजूद आज भी लड़कियों के साथ भेदभाव कायम है. आज भी शिक्षा पाने से लेकर समाज के हर क्षेत्र में लड़कियों- महिलाओं के लिए अवसर पाना, एक मुश्किल कार्य है. उत्तराखंड में बेटियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो, इसके लिए वे उत्तराखंड की दौड़ यात्रा पर निकली हैं. वे चाहती हैं कि समाज में लड़कियों- महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबरी का अधिकार हासिल हो.
किच्छा से 17 मार्च को यात्रा शुरू करने वाली अंजू राठौड़ अपने कोच सुजीत कुमार के साथ एक दिन में 50 किलोमीटर की यात्रा करके तलवाड़ी से कर्णप्रयाग पहुंची. कर्णप्रयाग पहुंचने पर नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष सुभाष गैरोला, भाकपा(माले) के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी, परिवर्तन यूथ क्लब के संयोजक अरविंद चौहान, नगरपालिका के सभासद हरेंद्र बिष्ट, नवीन नवानी, पूर्व प्रधान लखपत सगोई, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अनिल कुमार और मंच संचालक हर्षबल्लभ थपलियाल आदि ने माल्यार्पण करके तथा स्मृति चिन्ह भेंट करके अंजू राठौड़ एवं उनके कोच सुजीत कुमार का स्वागत किया और उनकी यात्रा की सफलता की कामनाएं करते हुए शुभकामनाएं प्रेषित की.