बद्रीनाथ यात्रा के अहम पड़ाव वो धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण जोशीमठ नगर में लगातार हो रहे भूस्खलन से परेशान क्षेत्रवासियों ने आपदा प्रबंधन संचिव को पत्र लिख कर जल्द से जल्द इस पर कार्यवाही की मांग करते हुये जोशीमठ नगर के अस्तित्व को बचाने की मांग रखी
पत्र में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले मांग रखी की जोशीमठ नगर के भूस्खलन भू – धंसाव पर अविलंब कार्यवाही हो ।
पत्र में कहा गया कि, आपके द्वारा जोशीमठ के भूस्खलन व भू – धंसाव को लेकर कुछ निर्णय व निर्देश जारी हुए हैं । इन निर्णय व निर्देशों का हम स्वागत करते हैं । भले ही बहुत विलम्ब हो गया है । स्थिति बहुत गम्भीर है और तत्काल ही जमीनी कार्य किये जाने की जरूरत है । इस सन्दर्भ में 26 अगस्त 2022 को भी एक प्रतिनिधिमंडल के साथ हम आपसे मिले थे व सुझाव दिये थे ।
महोदय, हमारा मत है कि, 15 जनवरी वाली प्रस्तवित बैठक इससे पहले ही शीघ्र करते हुए तत्काल प्रभावितों हेतु व्यवस्था किये जाने की आवश्यकता है, सर्दी के मौसम में लोगों सम्मुख स्थितियां प्रतिदिन विकट हैं । प्रत्येक दिन स्थिति बदल रही है और गम्भीर हो रही है ।, जिलाधिकारी द्वारा किया गया एक दिनी सर्वेक्षण स्थिति के व्यापक आंकलन के लिये अपर्याप्त है । इस सन्दर्भ में नगर पालिका परिषद जोशीमठ द्वारा किये गये घरों के सर्वेक्षण को ही तथ्यात्मक मानते हुए उसके अनुरूप ही योजना बनाने, निर्णय लेने व कार्यवाही की जानी चाहिये ।
विभाग/सरकार द्वारा वैज्ञानिक व भूगर्भिक सर्वेक्षण हेतु गठित कमेटी ने भूस्खलन के ट्रीटमेंट हेतु अपनी रिपोर्ट में एक टेक्निकल कमेटी गठित किये जाने की संस्तुति की थी । यह सिफारिश स्वतंत्र वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में भी थी, जो हमने सरकार को व आपदा प्रबंधन विभाग को प्रेषित की थी । इस कमेटी को तत्काल गठित कर इस सन्दर्भ में सुझाव लिए जाने चाहिये जिससे ट्रीटमेंट की कार्यवाही वैज्ञनिक व तकनीकी तौर पर सम्भव हो । , 15 जनवरी की बैठक में, स्थानीय प्रतिनिधियों के बतौर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति को भी शामिल किया जाए । जो पिछले एक वर्ष से अधिक से इस सन्दर्भ में न सिर्फ पत्रव्यवहार कर रही है लड़ रही है, बल्कि इस समस्या के सभी पहलुओं को समझती है । पूर्व में भी हमने यह सुझाव सर्वेक्षण के समय दिया था । तब आधिकारिक तौर पर हमें शामिल न किये जाने के बावजूद हमने वैज्ञानिक सर्वक्षण में सहयोग किया था । अन्यथा की स्थिति में ठोस जमीनी कार्यवाही की हमें अपेक्षा नहीं है ।
पूर्व में सन 1976 की मिश्रा कमेटी में भी स्थानीय प्रतिनिधि रहे हैं जिसकी रिपोर्ट जोशीमठ के सन्दर्भ में आज भी सर्वाधिक उल्लेखनीय है । ,पूर्व में हुयी मुलाकात के समय जोशीमठ में लोगों के वैकल्पिक व्ययवस्था हेतु भूमि की उपलब्धता के सन्दर्भ में सुझाव मांगा गया था । जोशीमठ में इस हेतु पर्याप्त भूमि उपलब्ध है । 1- जोशीमठ नगर में ही फल संरक्षण विभाग की भूमि,2- कोटि फार्म की भूमि, 3- औली में सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि के अतिरिक्त भी भूमि उपलब्ध है । इन भूमि का तत्काल भूगर्भिक सर्वेक्षण करवाकर लोगों के लिए आवास की व्यवस्था की जा सकती है ।
आशा है जोशीमठ व इसके निवासियों की आपात स्थिति के मद्देनजर शीघ्र निर्णय लेकर अवगत कराने की कृपा करेंगे ।
पत्र के बाद अब जोशीमठ नगरवासी कार्यवाही के इंतजार में हैं
वहीं इस मसले पर संघर्ष समिति के अतुल सती व अन्य लोगों ने सवाल खड़े करते हुये कहा जिलाधिकारी द्वारा जोशीमठ नगर में किये गये निरीक्षण भ्रमण के बाद केवल डे्नेज सिस्टम सुधारने पर ही जोर देने वाले उनके कार्यालय से जारी बयान से लगता है भूस्खलन के लिये जिम्मेदार असल कारकों को क्लीन चिट देने की पूरी सम्भावना है