शंकराचार्य द्वारा ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) भूधंसावर हेलंग मारवाडी बाई पास निर्माण बदरीनाथ मास्टर प्लान सहित विभिन्न समस्याओं के ज्ञापन प्रधानमंत्री को भेजा

जनगणमन.लाईव
ज्योतिर्मठ जोशीमठ पहुंचे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी द्वारा जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव, मारवाड़ी बायपास निर्माण पर रोक लगाने, बद्रीनाथ में चल रहे मास्टर प्लान के कार्यो के दौरान परम्पराओं परम्पराओं को अक्षुण्ण रखने व जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ रखने सम्बन्धी ज्ञापन प्रधान मंत्री को भेजा शंकराचार्य धरना स्थल पर भी पहुंचे व धरना दे रहे लोगों को समर्थन दिया
शंकराचार्य जी द्वारा दिया गया ज्ञापन
श्रीमान नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी प्रधानमंत्री, भारत सरकार
तिथि :- दिनांक : स्थान संवत् 2020 वि. 23161 2023 ई. ज्योतिर्मठ
विषय – ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) भूधंसावर हेलंग मारवाडी बाई पास निर्माणए बदरीनाथ मास्टर पलान के अलावा अन्य के संदर्भ में।
आदरणीय
आपको उपरोक्त उल्लिखित विषय के क्रम में सादर अवगत कराना है कि ज्योतिर्मठ आदि गुरु शंकराचार्य जी का गद्दी स्थल होने के साथ ही देश के चार धामों में प्रमुख बदरीनाथ धाम का मुख्य आधार स्थल भी है। इसी स्थान पर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित पौराणिक नृसिंह मंदिर भी है।
निम्नांकित बिन्दु आपके ध्यानार्थ सादर प्रेषित हैं-
1 जोशीमठ भू-धंसाव से संबधित रिपोर्ट सार्वजनिक की जाय।
‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर
जगद्गुरु शहराचार्य
‘स्वामिश्रीः ‘अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती’ 1008′
नारायणसमारम्भां शङ्कराचार्यमध्यमाम् । अस्मदाचार्यपर्यन्तां वन्दे गुरुपरम्पराम् ||
आदरणीय आदि गुरु शंकराचार्य की तपःस्थली ज्योतिर्मठ ( वर्तमान नाम जोशीमठ) में जनवरी माह में भूधंसाव की घटना सामने आई थी।
इस संदर्भ में विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की गई थी जिसकी रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं हो पाई है। हमारा आपसे निवेदन है कि जनहित में इस रिपोर्ट को
–
सार्वजनिक किया जाए। हम आपसे यह भी निवेदन करते हैं कि जोशीमठ की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाय ।
2- हेलंग- मारवाडी बाईपास का काम जनहित में अविलम्ब रोका जाए।
आदरणीय महोदय हमारे संज्ञान में आया है कि हेलंग मारवाड़ी बाईपास का – निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। आपके संज्ञान में लाना है कि जोशीमठ भगवान बदरीनाथ जी का शीतकालीन पूजा स्थल होने के साथ भगवत्पाद आदि गुरु शंकराचार्य जी का गददी स्थल भी है। शीतकाल में जब बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने पर शंकराचार्य जी की गद्दी जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर में आती है।
पौराणिक परंपरानुसार भगवान् बदरीनाथ के दर्शन से पूर्व तीर्थयात्रियों को भगवान् नृसिंह मंदिर और शंकराचार्य गद्दी का दर्शन करना चाहिए । यह परंपरा सदियों से चली आ रही है । यदि यात्रियों को हेलंग बाईपास से सीधे बदरीनाथ भेजा जाएगा तो इससे तीर्थयात्री नृसिंह भगवान् और शंकराचार्य गद्दी के दर्शन का लाभ नही ले पाएंगे। इससे सदियों से चली आ रही परंपरा समाप्त हो जाएगी और इस महत्वपूर्ण धार्मिक परम्परा का लोप हो जाएगा।
3- धर्म के नाम पर हिन्दू नाबालिगों के साथ हो रहे कृत्यों पर तत्काल रोक लगे
महोदय उत्तरकाशी जनपद के पुरोला के अलावा देवभूमि में हाल ही में हुई घटनाएं चिंताजनक हैं । उत्तराखंड देव भूमि है और यहां इस तरह के कृत्य अक्षम्य है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो इसके लिए सरकार की ओर से ठोस कदम उठाया जाना चाहिए।
अनादि काल से ही लोग यहां ज्ञानए ध्यानए अध्ययन और शांति के लिए आते हैं । यह ऋषि मुनियों की कर्म स्थली और तपःस्थली है। ऐसे में इस पवित्र स्थल में आए दिन इस तरह की घटनाओं से सनातन धर्मावलंबी आहत हैं।
4- मास्टर प्लान के नाम पर बदरीनाथ धाम की मर्यादा और स्थापित फरम्पराओं को खत्म ना करें
महोदय ! बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य गतिमान है। वर्तमान समय में द्वितीय चरण का कार्य किया जा रहा है। अवगत कराना है कि नारायण पर्वत में बदरीनाथ जी का मंदिर स्थित है। मंदिर के आस-पास मास्टर प्लान का काम किया जा रहा है। मंदिर से ही कुछ मीटर की दूरी पर दो प्राचीन जलधाराएं हैं। जिन्हें कूर्म धारा और प्रह्लाद धारा के नाम से जाना जाता है। परंपरानुसार बदरीनाथ जी के मुख्य पुजारी रावल का अभिषेक कूर्म धारा के जल से किए जाने की परंपरा है।
आपसे निवेदन है कि मास्टर प्लान के कार्यों को करते हुए धाम से जुड़ी हुई – परंपराओं के साथ छेड़खानी नहीं होनी चाहिए तथा परंपराएं अक्षुण रखी जानी चाहिए।
5- जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ किये जाने का शासनादेश जारी किया जाय
KKS