गोपेश्वरः चमोली जिला सहकारी बैंक ने एकमुश्त समाधान योजना शुरू की है। इसके तहत यदि बैंक से ऋण लेने वाले कर्जदार की मृत्यु हो गई है, तो उनके आश्रितों को ब्याज का भुगतान नहीं करना होगा। उन्हें सिर्फ मूलधन ही जमा करना होगा। ऋण जमा करने के लिए साधन सहकारी समितियों में लोगों ने संपर्क करना भी शुरू कर दिया है। यह योजना 30 सितंबर 2023 तक लागू रहेगी।
•1 ऐसे ऋणी जिनकी मृत्यु हो चुकी है, के संदर्भ में मृतक बकायेदार सदस्यों के गारण्टरों/आश्रितों/ वारिसान को समिति ऋण चुकाने का अवसर प्रदान करना ।
•2 गैर निष्पादित आस्तियों के स्तर में कमी लाना ताकि समितियों को परिचालनात्मक लाभ में से समुचित प्राविधान करने की आवश्यकताओं से छुटकारा मिल सके।
•3 योजना के तहत ऋण की वसूली होने से समिति कर्मचारियों के वसूली पर होने वाले श्रम / समय को कम करने के साथ इस कार्य में होने वाले व्यय को कम करना ।
चमोली जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि बैंक से ऋण लेने वाले मृतक उपभोक्ताओं में चमोली जनपद से 2507 और रुद्रप्रयाग से 1069 काश्तकार हैं। कुल 3576 ऋणदाता ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु हो गई है। इन का मूलधन 4 करोड़ 53 लाख 74 हजार रुपये है, जबकि इस पर 4 करोड़ 20 लाख 71 हजार ब्याज है। बैंक ने मूलधन पर ब्याज माफ कर दिया है। जिसके बाद अब ऋण दाताओं को सिर्फ अपने मूलधन को ही जमा करना होगा।
अध्यक्ष ने बताया कि ब्याज का 60 प्रतिशत साधन सहकारी समिति और 40 प्रतिशत सहकारी बैंक जमा करेगा। यह योजना मृतक आश्रितों के लिए बेहतर होगी। इससे आश्रित अपने मृतक परिजनों के अन्य क्रिया क्रम के साथ ही बैंक के ऋण के भार से भी मुक्ति दिला सकते हैं। सहकारी बैंक की कई लोगों पर राज्य निर्माण से पहले के ऋण की देनदारी है। जो अभी तक वसूल नहीं हो पाया है। इस योजना से बैंक को अच्छी खासी ऋण वसूली की उम्मीद है।