केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन- शहरी के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य द्वारा प्रदेश की समस्त 102 स्थानीय शहरी निकायों के नगर आयुक्त / सहायक नगर आयुक्त / नगर स्वास्थ्य अधिकारी / सफाई निरीक्षक / सिटी मिशन मैनेजर / सी०एल०टी० सी० विशेषज्ञ, 09 छावनी परिषदों के मुख्य अधिशासी अधिकारी / सफाई निरीक्षक, अन्य विभागों के अधिकारी गण व अन्य हितधारकों को प्लास्टिक / ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियम-2016 विषय पर प्रशिक्षण प्रदान किये जाने हेतु एक दिवसीय राज्य स्तरीय गोष्ठी का आयोजन दिनांक 05 दिसम्बर, 2022 को प्रेक्षागृह (ऑडिटोरियम), भारतीय सर्वेक्षण विभाग, हाथिबड़कला, देहरादून में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में लगभग 250 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
गोष्ठी के प्रारम्भ में श्री नवनीत पाण्डे, निदेशक, शहरी विकास द्वारा आज की इस गोष्ठी के उददेश्यों से सभी को अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि निकाय के नगर आयुक्त व अधिशासी अधिकारी एम०आई०एस० रिपोर्ट का अध्ययन प्रत्येक पक्ष में अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने कहा की कूड़े की इस समस्या से निपटने हेतु सभी को अथक प्रयास करने होंगे तथा नागरिकों का सहयोग भी प्राप्त किया जाना होगा।
श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, सचिव (प्रभारी) शहरी विकास विभाग, उत्तराखण्ड शासन ने कहा कि कूड़े की इस जटिल समस्या का निराकरण हम सभी को मिलकर करना होगा। इसिलिये आज प्रदेश की समस्त 102 निकायों व 09 छावनी परिषदों के नगर आयुक्त / मुख्य अधिशासी अधिकारी / अधिशासी अधिकारी / नगर स्वास्थ्य अधिकारी / सहायक नगर आयुक्त / समस्त सफाई निरीक्षक / सिटी मिशन मैनेजर / सी०एल०टी०सी० विशेषज्ञों, अन्य विभागों के प्रतिनिधियों व हितधारकों को प्लास्टिक / ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियम- 2016 विषय पर आयोजित इस गोष्ठी में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि बढते शहरीकरण व जीवनशैली में आये परिवर्तन के कारण शहरों में कूड़ा प्रबन्धन वैज्ञानिक समस्या की जगह एक व्यवहारिक समस्या के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। कूड़ा प्रबन्धन हेतु नागरिकों का सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन करना एक जटिल समस्या है, जिसमें समय लगना स्वभाविक है, किन्तु यह कठिन नहीं है। आज भी शहरों में काफी कम लोग ऐसे हैं जो अपने घर का गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग करते हों। इसी तरह पहले लोग बाजार से सामान लाने हेतु कपड़े के थैले का प्रयोग करते थे, किन्तु अब सभी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल अधिक करते हैं। हालांकी अभी इसके बाजार में काफी कम विकल्प उपलब्ध हैं फिर भी हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपने शहरों को स्वच्छ व रहने योग्य बनाये रखें। उन्होंने सभी नगर आयुक्तों / अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि अब वक्त है कि हम अपने कार्यालयों से बाहर निकलें और जन सम्वाद के माध्यम से तथा वार्ड स्तर पर बैठकों का आयोजन कर नागरिकों को भी स्वच्छता की इस मुहिम से जोड़े। उन्होंने कहा कि निकायों के सभी अधिकारी व अन्य हितधारक प्लास्टिक / ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियम-2016 का अच्छे से अध्ययन करें व उक्त नियमों में उल्लिखित जिम्मेदारियों और दायित्वों के अनुसार ही कार्य करें। साथ ही अपशिष्ट उत्पादनकर्ताओं को भी उनके दायित्वों से अवगत करायें।
इसके बाद श्री वी०पी० सिंह, संयुक्त आयुक्त, राज्य जी०एस०टी० द्वारा बताया गया कि निकाय व जी०एस०टी० विभाग मिलकर छापेमारी की कार्यवाही कर Character उत्पादनकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे तो बेहतर परिणाम आयेंगे।
इसके बाद अधीक्षण अभियन्ता, शहरी विकास व ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन विशेषज्ञ एन०जी०टी० / मा० उच्च न्यायालय में दायर वादों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। अ उनके द्वारा अवगत कराया गया कि मा० उच्च न्यायालय में दायर रिट संख्या 93 / 2022 श्री जितेन्द्र यादव बनाम भारत संघ व अन्य में दिनांक 24.11.2022 को पारित आदेश में भी निर्देशित किया गया है कि सभी हितधारकों को प्लास्टिक / ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियम-2016 के विषय पर पूर्ण जानकारी प्रदान की जाये। इसके बाद उनके द्वारा प्लास्टिक / ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियम-2016 के विषय में सभी को विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी।
तदोपरान्त श्री अशोक कुमार पाण्डेय, अपर निदेशक, शहरी विकास निदेशालय, देहरादून द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 पर निकायों को विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। उन्होंने बताया कि निकायों द्वारा निरन्तर प्रयास करने व फील्ड स्तर पर कार्य करने से ही स्वच्छता के क्षेत्र में निकाय अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण का आठवां संस्करण 2023 में प्रारम्भ हो गया है तथा सभी निकायों को अब अच्छे से तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण की टूलकिट का सभी निकाय अच्छे से अध्ययन करेंगे तथा फील्ड स्तर पर इसे क्रियान्वित करेंगे तो निश्चित रूप से अपने शहरों को साफ व सुन्दर बनाने में कामयाब होंगे।
अपराह्न 02 बजे के बाद प्रदेश के विभिन्न निकायों में किये जा रहे सफल कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया गया, जिसमें सर्वप्रथम श्री पंकज पाण्डेय, नगर आयुक्त, नगर निगम हल्द्वानी द्वारा बैणी सेना के बारे में सभी को विस्तार से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि निकाय की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा 60 में से 58 वार्डों में स्वच्छता की निगरानी प्रारम्भ की गयी है तथा कूड़ा उत्पादनकर्ताओं से यूजर चार्ज की वसूली भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि बैणी सेना के कार्य करने से पहले निगम द्वारा प्रति माह रू0 6 लाख मात्र ही चार्ज वसूल किया जा रहा था किन्तु माह नवम्बर 2022 में रू0 25 लाख यूजर चार्ज वसूल किया गया
यूजर तथा माह दिसम्बर में रू0 40 लाख यूजर चार्ज वसूल किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके बाद जोशीमठ, बद्रीनाथ, मसूरी देहरादून, रामनगर, शिवालिकनगर के प्रतिनिधियों द्वारा Success stories से सभी को अवगत कराया गया।
अंत में श्री नवनीत पाण्डे, निदेशक / अपर सचिव शहरी विकास विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा सभी प्रतिभागियों से गोष्ठी के दौरान बताये गये विषयों पर प्रश्नोत्तर सत्र प्रारम्भ किया गया। प्रतिभागियों द्वारा किये गये विभिन्न प्रश्नों के उत्तर प्रदान करते हुये उन्होंने कहा कि आज प्लास्टिक / ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियम-2016 विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय गोष्ठी में उपस्थित सभी निकायों हेतु व अन्य हितधारकों हेतु 6-17 दिसम्बर, 2022 तक जनपद स्तरीय गोष्ठियों का आयोजन किया जायेगा तथा 20-31 दिसम्बर 2022 तक सभी निकाय अपनी-अपनी निकायों में निकाय स्तरीय गोष्ठियों का आयोजन करेंगे। उन्होंने बताया कि मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा रिट संख्या 93 / 2022 श्री नितेन्द्र यादव बनाम भारत संघ व अन्य में दिनांक 24.11.2022 को पारित आदेश में भी निर्देशित किया है कि जनपद स्तरीय गोष्ठियों का आयोजन किया जाये। उन्होंने निकायों को निर्देशित किया कि सभी निकाय प्लास्टिक / ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु भावी रणनीति तैयार करें व प्रत्येक पक्ष में स्वयं का अनुश्रवण करें कि उन्हें कितनी सफलता प्राप्त हुयी व कौन से ऐसे मापदंड हैं जिन्हें अपनाकर वह अपशिष्ट प्रबन्धन के कार्यों को सफलापूर्वक सम्पादित कर सकते हैं। उन्होंने अवगत कराया कि ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु प्रदेश की 92 निकायों की डी०पी०आर० स्वीकृत की जा चुकी है तथा 89 निकायों को धनराशि भी अवमुक्त की जा चुकी है। सभी निकायों द्वारा फील्ड स्तर पर कार्यों को समय से पूर्ण किया जाना होगा