जो मछली ज्यादा मुंह खोलती है वहीं फंसती है आखिर किस ओर इशारा कर गये सी एम धामी

 जो मछली ज्यादा मुंह खोलती है वहीं फंसती है आखिर किस ओर इशारा कर गये सी एम धामी

जो मछली ज्यादा मुंह खोलती है वहीं फंसती है ये बोल कर आखिर
किस ओर इशारा कर गये‌ मुख्यमंत्री धामी

जन गण मन ब्यूरो

मसूरी में आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की वहीं मछली फंसती है जो ज्यादा मुंह खोलती है

  • मे अभी तक के अपने कार्यकाल में विवादों से बचने के लिये सोच समझ कर ही बोलते हैं
    और उनके मुंह से अभी तक कुछ भी विवादित नहीं निकला है ।उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा की वे काली नदी के किनारे ही पैदा हुये‌ है और शारदा नदी के पास उनका बाल्यकाल गुजरा है इस नदी में उन्होंने कांटे मे केंचुए लगा कर बहुत मच्छी मारी है इस लिये उनको पता है जो मच्छी ज्यादा मुंह खोलती है वहीं फंसती है ।अब मुख्यमंत्री धामी की इस बात के कई मायने निकाले जा रहे हैं गौर तलब है की पिछली बीजेपी सरकार में त्रिवेन्द्र रावत की जुबान कई बार फिसलती रहती थी वहीं तीरथ‌ सिंह रावत को अपनी कुर्सी अपने बयानों के चलते गंवानी पड़ी थी साथ ही कुछ समय पहले, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ‌ सिंह रावत ने बयान दिया था की उत्तराखंड बनने के बाद कमीशनखोरी घटने के बजाय बढ़ी है पूर्व मुख्यमंत्री के बयान से कहीं ना कहीं सरकार की किरकिरा भी हुयी‌ है। ऐसे में सी‌ एम धामी अधिकारियों को नसीहत देने के बहाने एक तीर से कई निशाने साध गये‌।

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