केदारनाथ आपदा में अगस्त्यमुनि नगर का एक हिस्सा पुरानादेवल पूरी तरह से बह गया था, बाद में पुरानादेवल से देवनारायण बनियाड़ी तक बह चुकी सड़क को पुस्तों से उठाकर बनाया गया। लेकिन आज देवनगर के उसी हिस्से से सटा काॅजवे से लगा पुस्ता ढह गया है। बारिश की वजह से ये जगह लगातार धंस रही है, जिससे कभी भी केदारनाथ राजमार्ग बाधित हो सकता है। इस कारण केदारनाथ यात्रा प्रभावित हो सकती है। साथ ही केदारघाटी के अंदर बसे कस्बों, गाँवों के लिए भी आवागमन में परेशानी खड़ी हो सकती है।
बता दें केदारनाथ आपदा के बाद से राजमार्ग का यह हिस्सा संवेदनशील बना हुआ, जिसे डेड सड़क माना गया था, इस कारण राजमार्ग को अगस्त्यमुनि नगर के ऊपर नाकोट, धान्यूऔर बनियाड़ी गाँव के ऊपर से पेट्रौल पम्प के पास निकला जाना प्रस्तावित था, लेकिन एनजीटी द्वारा 70 प्रतिशत कटिंग होने के बाद नये राजमार्ग निर्माण पर रोक लगा दी गई। और अब नगर क्षेत्र के बीचोंबीच वाली सड़क के ही विस्तारीकरण पर कार्य करने का मन बना रहे है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से देवनगर में राजमार्ग के इस हिस्से से सटकर भू धंसाव शुरू हो गया। बुधवार शाम को धंसाव वाले हिस्सा टूटकर नदी में गिर गया है। धंसाव अभी भी जारी है जिससे सड़क कभी भी बंद हो सकती है।
जबकि कुछ दिनों पूर्व ही केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर अगस्त्यमुनि में बनने जा रहे बाईपास के समर्थन में व्यापार मंडल अगस्त्यमुनि ने बड़े संघर्ष का ऐलान किया था। बता दें कि एकहजार से भी अधिक व्यापारिक प्रतिष्ठानों वाले अगस्त्यमुनि बाजार में एन एच चौड़ीकरण करना चाहता। इस चौड़ीकरण में बड़ी संख्या में दुकानें और व्यापारी प्रभावित होंगे। व्यापारियों की इस सामूहिक पीड़ा को देखते हुए व्यापार मंडल द्वारा आपातकालीन बैठक बुलाई जिसमे सरकार और एन एच से चौड़ीकरण के बजाय सत्तर प्रतिशत से अधिक कट चुके अगस्त्यमुनि बेडूबगड बाईपास पर निर्माण शुरू करवाने की मांग रखी गई। फिलहाल एनजीटी द्वारा इस बाईपास के साथ दो अन्य मार्गों पर रोक लगाई गई है। जिसमें से कुण्ड काकड़ा मार्ग पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। वही 18 साल से लंबित नाकोट-ताली-बगर-कोटनगर-जहंगी सड़क संघर्ष समिति और स्थानीय ग्रामीणों ने भी बाईपास निर्माण संघर्ष समिति को अपना समर्थन दिया है।
बैठक को संबोधित व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन बिष्ट और वरिष्ठ व्यापारी शत्रुघ्न नेगी ने बताया कि बाईपास निर्माण को यथाशीघ्र प्रारम्भ करवाने के लिए मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार और पर्यटन एवं लोनिवि मंत्री को ज्ञापन दिया गया है। लेकिन एनएच द्वारा चौड़ीकरण को लेकर चिन्हीकरण किए जाने से अब एकता के साथ नया संघर्ष करना होगा। बाईपास पर सत्तर प्रतिशत कटिंग हो चुकी है, इसलिए इस पर रोक लगाना औचित्यपूर्ण नहीं है