केदारनाथ आपदा में अपने लोगों मकान व दुकान खोने के ग्यारह साल बीत जाने के बाद भी केदारनाथ के भवन स्वामी आज भी अपने भवनों के मालिकाना हक की लड़ाई लड रहे हैं । बार बार शासन प्रशासन व सरकार के आगे गिड़गिड़ाने के बाद अब केदार के स्थानीय व तीर्थ पुरोहितों ने आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है इसी के चलते आज केदारनाथ में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आव्हान किया गया था जो पूर्ण रूप से सफल दिखा
केदारनाथ में आज सुबह सुबह ही तीर्थ पुरोहितों ने भगवान केदारनाथ के गर्भ गृह में पूजा अर्चना की और मंदिर के प्रांगण में बड़ी संख्या में एकत्रित हो कर जलूस की शक्ल में पूरी केदारपुरी में जलूस प्रदर्शन कर नारेबाजी की
केदारनाथ के विभिन्न हिस्सों में जलूस प्रदर्शन के बाद एक सभा का आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने आरोप लगाते हुये कहा केदारनाथ जैसे पवित्र धार्मिक स्थल जहां पूजा और वेद पाठ होना चाहिए वहां के लोगों को नारे जलूस प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है
लोगों ने अपनी जमीनें केदारनाथ के विकास के लिये दी है केदारनाथ का मुख्य मार्ग जो बहुत संकरा हुआ करता था वो आज हाईवे की तरह चौड़ा हो गया है मंदिर परिसर भव्य और विशाल हो गया है लेकिन लोगों की उदारता का नाजायज़ फायदा उठाया जा रहा है अंदेशा जताया की भवनों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों का मालिकाना हक जब यहां के मूल मालिकों को नहीं दिया जा रहा है तो क्या आने वाले समय में लोगों को बेदखल कर बाहर के बड़े व्यापारियों और देने का षड्यंत्र तो नहीं रचा जा रहा है किसी भी प्रकार की स्पष्ट नीति ना होने से लोगों के मन में अब भविष्य को ले कर अनिश्चिता और आशंका घर कर गयी है
आशंकित आंदोलन रत लोगों ने कहा वो अब अपनी मांग पूरी होने तक पीछे नहीं हटेंगे और आंदोलन को चरण बद्ध रूप से आगे बढ़ाया जायेगा
आंदोलन में केदार सभा के अध्यक्ष पं राजकुमार तिवारी अंकित सेमवाल मंत्री पंकज शुक्ला प्रवीण तिवारी कोषाध्यक्ष अंकुर शुक्ला उमेशचंद्र पोस्ती प्रदीप शर्मा चंडी प्रसाद तिवारी आचार्य संतोष त्रिवेदी बृजेन्द्र शर्मा अनिल बगवाड़ी देवेश आदि मौजूद थे