केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों के भवनों के मालिकाना हक दिये जाने की मांग व गर्भ गृह सोना प्रकरण को ले कर आंदोलन ,बंद का आव्हान, आमरण अनशन

केदारनाथ आपदा में अपने आवासों को गंवाने के बाद केदारनाथ में भवन स्वामियों को उम्मीद जगी थी की सरकार उनके भवन बना कर उन्हें देगी बहुत से भवन का पुनर्निर्माण व नव निर्माण भी हुआ परन्तु स्थानीय तीर्थ पुरोहितों की उम्मीद पर उस वक्त पानी फिर गया जब उन्हें आवासीय भवनों का स्वामित्व नहीं मिला । अपनी इसी मांग को ले कर कई बार तीर्थ पुरोहित अपनी मांगों को विभिन्न माध्यमों से सरकार तक पहुंचा चुके हैं लेकिन उनका आरोप है कि उनकी जायज मांगों को अनसुना किया जा रहा है ।
इसी के चलते अब अपने पूर्व के अल्टीमेट के अनुसार मांगे नहीं माने जाने पर आज समय सीमा समाप्त होने पर तीर्थ पुरोहितों ने कल
16 सितम्बर को बंद का कार्यक्रम रखा है साथ ही आंदोलन को क्रमिक रूप से आगे बढ़ाया जायेगा व उसके बाद आमरण अनशन पर भी केदार सभा के लोग बैठेंगे
16 सितम्बर को केदारनाथ धाम में पूर्ण रूप से बंद रखने का फैसला लिया है केदार सभा की आज हुयी बैठक में निर्णय लिया गया की जब तक उनकी न्यायोचित मांगों को मान नही लिया जाता आंदोलन जारी रहेगा साथ ही बार बार चेताने के बावजूद भी सरकार शासन प्रशासन की इस ओर उदासीनता के चलते इस तरह के कठोर कदम उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है इस होने वाली असुविधा की जिम्मेदारी भी अब पूर्ण रूप से सरकार शासन प्रशासन की है
केदार सभा के अध्यक्ष पं राजकुमार तिवारी व महामंत्री ने बैठक में कहा की केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों को आंदोलन के लिये मजबूर किया जा रहा है अब तीर्थ पुरोहितों के सब्र बांध टूटने को है
सरकार जल्द से जल्द तीर्थ पुरोहितों को उनके मकानों का मालिकाना हक दे और केदारनाथ में हो रही सोना प्रकरण सहित अनियमितताओं की जांच जल्द से जल्द पूरी की जाये जिससे सच सबके सामने आ सके