अवैध अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न हो बन्द

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जनगणमन /न्यूज पोर्टल
अवैध अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न हो बन्द।
तुंगनाथ घाटी में अवैध अतिक्रमण के नाम पर हो रहे उत्पीड़न के लिए उठी आवाज।
चोपता व्यापार मण्डल नगर इकाई के बैनर तले मक्कू बेंड से चोपता तक के व्यापारियों ने मक्कू बैंड में प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन।
जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही किए जाने के विरोध में चोपता व्यापार मण्डल नगर इकाई के बैनर तले मक्कू बेंड से चोपता तक के व्यापारियों ने मक्कू बैंड में प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया प्रदर्शनकारियों का कहना था यदि सरकार मामले में हस्तक्षेप कर स्थानीय लोगों के लिए पर्यटन व रोजगार को बचाने के लिये आगे नहीं आती है तो व्यापारियों को अपने अधिकारों के लिए उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
आंदोलनकारी मक्कूबैंड में एकत्रित हुए जिनमें चोपता व मक्कू बैंड तक के व्यापारी व प्रभावित शामिल थे । पूर्व में स्थानीय प्रशासन द्वारा एनएच पर अतिक्रमण हटाने को समिति गठित किए जाने से आक्रोशित व्यापारियों ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था ।
पुनः प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारी एक सभा में तब्दील हुए प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि स्थानीय व्यापारी युगों से तुंगनाथ घाटी के विभिन्न पड़ावों पर पौराणिक हकहकूकों के अनुसार अपना व्यवसाय कर रहे हैं मगर प्रदेश सरकार के निर्देशन पर स्थानीय प्रशासन द्वारा समय-समय पर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
चारधाम यात्रा के सभी मुख्य पैदल पड़ावों पर जब से ये मंदिर और यात्रा है तब से स्थानीय लोग छोटे ढाबों का संचालन करते आ रहे हैं, देश की आजादी से पूर्व भी लोग कई जगहों पर इस तरह की व्यवस्था से आने वाले तीर्थ यात्रियों को सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं मगर आज जिला प्रशासन व्यवसायियों से रोजगार छीनने का प्रयास कर रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद कई स्थानीय युवाओं का रोजगार छीन गया तथा वे युवा इन यात्रा पड़ावों पर छोटे मोटे ढाबों का संचालन कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। मगर जिला प्रशासन स्थानीय युवाओं की रोजी रोटी के साथ खिलवाड़ कर रहा है। स्थानीय व्यापारियों द्वारा अधिकार अधिनियम 2006 को लागू करने की मांग लम्बे समय से की जा रही है मगर आज तक प्रदेश सरकार इस अधिनियम को लागू करने में विफल रही है। वर्तमान समय में तुंगनाथ घाटी पर्यटन मानचित्र में जगह बना पायी है तथा तुंगनाथ घाटी के चहुंमुखी विकास में केन्द्र व प्रदेश सरकारों को किसी प्रकार का योगदान नहीं रहा है।